कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? – Computer Definition in Hindi

कंप्यूटर हमारी रोजमर्रा (Everyday) की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा हैं। कंप्यूटर के बिना हमारा जीवन अधूरा है। यदि आप कंप्यूटर के छात्र (Computer Student) हैं या किसी भी प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको पता होगा कि आज के समय में, कंप्यूटर के बारे में जानकारी (Knowledge) होना कितना जरूरी है। मुझे पता है कि आपके मन में कंप्यूटर से संबंधित कई प्रश्न होंगे। जैसे: “कंप्यूटर क्या है? (What is Computer in Hindi)“, “कंप्यूटर क्या होता है? (Computer Kya Hai in Hindi)“, “कंप्यूटर किसे कहते हैं? (Computer Kise Kahte Hai in Hindi)“, “कंप्यूटर का अर्थ क्या होता है? (Meaning of Computer in Hindi)“, “कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? (Definition of Computer in Hindi)“, “कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या है? (What is the Full Form of Computer in Hindi)“, “कंप्यूटर की बेसिक जानकारी (Basic Computer Knowledge in Hindi)” आदि।

भारत में डिजिटल इंडिया के आगमन के बाद, सरकार ने भी कंप्यूटर शिक्षा (Computer Education) पर जोर दिया है और सरकारी नौकरियों में O, A, B, C लेवल जैसे कंप्यूटर सर्टिफिकेट (Computer Certificate) की मांग की जा रही है, इसलिए यदि आप सरकारी नौकरी (Government Job) की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको कंप्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है और प्राइवेट नौकरियों में भी B.Tech, M.Tech, BCA, MCA आदि की मांग भी बढ़ रही है।

कंप्यूटर की परिभाषा हिंदी में (Computer Ki Paribhasha in Hindi)

मैं जानता हूं की आप ‘कंप्यूटर की परिभाषा क्या होती है (Definition of Computer in Hindi)‘ के बारे में जानना चाहते हैं, इसीलिए आप इस पोस्ट पर आए हैं। लेकिन हम आपको कंप्यूटर की पूरी जानकारी हिंदी में देंगे, जिससे आपको कंप्यूटर का अधिकतम ज्ञान हो सके, तो चलिए कंप्यूटर के बारे में सीखना शुरू करते हैं।

कंप्यूटर के विकास के कारण ही वर्तमान डिजिटल युग आज संभव हुआ है। कंप्यूटर मानव द्वारा बनाया गया सबसे शक्तिशाली और बहुउद्देशीय उपकरण है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो तीन बुनियादी कार्य करता है, यानी इनपुटिंग (Inputing), प्रोसेसिंग (Processing) और आउटपुटिंग (Outputing)। यह विभिन्न इनपुट उपकरणों (Input Devices) के माध्यम से इनपुट (Input) को स्वीकार करता है। इनपुट डेटा प्राप्त करने के बाद, कंप्यूटर इन इनपुट पर उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए निर्देशों (Instructions) के अनुसार विभिन्न ऑपरेशन करता है। अंत में, कंप्यूटर विभिन्न आउटपुट डिवाइस (Output Device) के माध्यम से आउटपुट डेटा के परिणाम उत्पन्न करता है। इसलिए, कंप्यूटर एक डेटा प्रोसेसिंग डिवाइस (Data Processing Device) है।

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कंप्यूटर उपयोगकर्ता को थोड़े समय में हजारों लाखों डेटा को आसानी से प्रोसेस (Process) करने की कार्यक्षमता देता है। कंप्यूटर के काम की गति अतुलनीय है। कंप्यूटर (Computer) और इंटरनेट (Internet) ने हमारे काम करने के तरीके, संचार, खेल और लेखन को बहुत प्रभावित किया है। आज, कंप्यूटर हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में एक प्रमुख भूमिका निभाता है और हमारे जीवन को एक या दूसरे तरीके से प्रभावित करता है। आज, आप शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र खोज सकते हैं जो कंप्यूटर से प्रभावित न हो।

कंप्यूटर मशीन गणना के लिए है, लेकिन यह सिर्फ एक गणना मशीन (Calculating Machine) से बहुत अधिक है। आज यह एक महत्वपूर्ण घरेलू उपकरण (Home Appliances) बन गया है। साथ ही, कंप्यूटर के कई लाभ हैं, इसका उपयोग घर (Home) और कार्यालय (Office) में किया जाता है।

कंप्यूटर क्या है? (What is Computer in Hindi)

Computer” शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare‘ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है – गणना करना। कंप्यूटर को हिंदी में “संगणक” कहा जाता है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है, जो उपयोगकर्ता से डेटा (Data) और निर्देशों (Instructions) के रूप में इनपुट (Input) प्राप्त करता है। एक बार इनपुट डेटा प्राप्त होने के बाद, यह डेटा की प्रोसेसिंग (Processing) शुरू कर देता है और उपयोगकर्ता के निर्देशों के अनुसार हमें आउटपुट (Output) प्रदान करता है।

working of computer in hindi

सरल शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं की कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है जो डेटा (Data) इनपुट (Input) के रूप में लेता है उसे प्रोसेस (Process) करता है तथा परिणामों (Results) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।

कंप्यूटर क्या है? (What is Computer in Hindi)
Computer Kya Hai

यह एक ऐसा आधुनिक यंत्र है जो अनेक कार्य को काफी तेजी और सरलता से करता है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आज भी जो कंप्यूटर के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए मैंने यह लेख हिंदी भाषा में लिखा ताकि इसे पढ़ कर हमारे पाठकों को कंप्यूटर के बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्त हो, आज हम में से अधिकांश अपने दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।

अब, आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा की यह डाटा क्या है? (What is Data in Hindi) तो चलिए थोड़ा डेटा के बारे में भी जानते हैं। डेटा से हमारा मतलब है, किसी भी तरह की जानकारी यानी इनफार्मेशन। डेटा (Data) कुछ भी हो सकता है जैसे कि टेक्स्ट (Text), नंबर (Number), ऑडियो (Audio), वीडियो (Video) और चित्र (Image) आदि। डेटा को “सूचना (Information)” भी कहा जाता है या सरल शब्दों में कहें तो कि सूचना ही “डेटा” है।

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जब हम कंप्यूटर को इनपुट डेटा देते हैं और कंप्यूटर इसे प्रोसेस करता है और इसे आउटपुट डेटा में परिवर्तित करता है, जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोग करने योग्य होता है, तब वह सूचना (Information) होती है। अर्थात प्रोसेस्ड डेटा के आउटपुट को सूचना कहा जाता है।

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा हैं, कंप्यूटर शब्द लैटिन भाषा “Computare” से बना है, जिसका अर्थ है गणना करना। तो कंप्यूटर का मतलब है – गणना करने वाला। मुख्य रूप से कंप्यूटर का आविष्कार (Invention) गणना उद्देश्यों के लिए किया गया था लेकिन वर्तमान में, इसका कार्य क्षेत्र अधिक विस्तृत और व्यापक हो गया है, इसलिए इसे “संगणक” या “अभिकलित्र” कहा जाने लगा है।

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यदि इसे सरल भाषा में परिभाषित किया जाए तो यह कहा जा सकता है की कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यांत्रिकी, अनुसंधान, शोध आदि में किया जाता है। कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) का एक संयोजन होता है जो डेटा को सूचना में परिवर्तित करता है। मुख्य रूप से कंप्यूटर निम्नलिखित कार्य करता है:

  • इनपुट (Input): कंप्यूटर को भेजी जाने वाली कमांड (Command) या डेटा (Data) को इनपुट कहा जाता है।
  • प्रोसेसिंग (Processing): कंप्यूटर द्वारा हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) की सहायता से की जाने वाली प्रोसेसिंग (Processing), जिसके परिणामस्वरूप आउटपुट (Output) प्राप्त होता है, उस प्रक्रिया को प्रोसेसिंग कहा जाता है।
  • आउटपुट (Output): कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम (Result) को आउटपुट कहा जाता है।
  • स्टोरेज (Storage): विभिन्न स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) जैसे हार्ड डिस्क, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, पेन ड्राइव, ऑप्टिकल डिस्क आदि का उपयोग करके कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को सुरक्षित करने के प्रक्रिया को स्टोरेज कहा जाता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म (Full Form of Computer in Hindi)

अब मैं आपको बताता हूँ कि ‘कम्प्यूटर का फुल फॉर्म क्या होता है? (What is The Full Form of Computer in Hindi)‘। यदि आप कंप्यूटर को ध्यान से देखते हैं, तो आप पाएंगे कि कंप्यूटर उपयोगकर्ता के लिए आउटपुट परिणामों का उत्पादन करने के लिए हार्डवेयर उपकरणों (Hardware Devices) और सॉफ़्टवेयर (Software) के आपसी समन्वय की एक प्रणाली के तहत काम करता है। ‘कंप्यूटर‘ शब्द अंग्रेजी के आठ अक्षरों से बना है, जो इसके अर्थ को और अधिक व्यापक बनाता है।


C Commonly (कॉमनली)
O Operated (ऑपरेटेड)
M Machine (मशीन)
P Particularly (पर्टिक्युलर्ली)
U Used for (यूस्ड फॉर)
T Technical (टेक्निकल)
E Education and (एजुकेशन एण्ड)
R Research (रिसर्च)

अब आप कंप्यूटर का फुल फॉर्म जानते हैं, क्या आप जानते हैं कि कंप्यूटर का फुल फॉर्म इसकी कार्य प्रणाली और इसके उपयोग से संबंधित जानकारी को विस्तार से समझाने के लिए बनाया गया था, इसलिए आपको यह फुल फॉर्म याद रखना चाहिए।

कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? (Definition of Computer in Hindi)

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer in Hindi) है, “कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रानिक मशीन है, जो अनेक प्रकार की तर्कपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है।

कंप्यूटर की परिभाषा क्या है (Definition of Computer in Hindi)
computer ki paribhasha kya hai

सरल शब्दों में, कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की तार्किक गणनाओं के लिए किया जाता है जो डेटा को स्वीकार करता है, उसे संग्रहीत करता है, निर्देशों के अनुसार उसकी प्रोसेसिंग करता है और हमें आउटपुट प्रदान करता है।


कंप्यूटर की परिभाषा इंग्लिश में (Computer Definition in English)

According to oxford dictionary, Computer is an electronic machine that can store, organize and find information, do calculations and control other machines.

कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहते हैं? (Computer in Hindi)

कंप्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) मशीन है जो जटिल समस्याओं (Complex Problems) को जल्दी से हल कर सकती है। कंप्यूटर एक समय में गलतियाँ किए बिना कई समस्याओं को जल्दी से हल कर सकता है। किसी भी प्रकार की कठिनाई के बिना, यह मशीन बड़ी सख्याओं को जोड़, घटा, गुणा और विभाजित कर सकती है।

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कंप्यूटर की मेमोरी में डेटा को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकता है। कंप्यूटर एक मशीन है जो एक निर्जीव वस्तु होने के बावजूद भी, एक इंसान की तरह कई कार्य कर सकता है। मुख्यतः कम्प्यूटर का आविष्कार गणना कार्यों के लिए किया गया था। इसलिये इसे हिन्दी में संगणक (Sanganak), अभिकलक (Abhikalak), अभिकलित्र (Abhikalitr) कहा जाता है।

तो आज आपको पता चला कि कंप्यूटर को हिंदी में क्या कहा जाता है, इस तरह के प्रश्न कई परीक्षाओं (Examinations) और साक्षात्कारों (Interviews) में पूछे जाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग इसका जवाब जानते हैं।

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कंप्यूटर के जनक कौन हैं? (Who is The Father of Computer in Hindi)

चार्ल्स बैबेज” (Charles Babbage) एक ब्रिटिश गणितज्ञ (British Mathematician) थे। चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 नवंबर 1791 को हुआ था। 1837 में एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) के आविष्कार और अवधारणा के बाद, उन्हें “कंप्यूटर का पिता” (फादर ऑफ कंप्यूटर) कहा जाता है।

उन्होंने 1822 में पहला मैकेनिकल कंप्यूटर (Mechanical Computer) बनाया था। जिसे हम डिफरेंस इंजन (Difference Engine) के नाम से जानते हैं। जिसके आधार पर आज के सभी कंप्यूटर काम कर रहे हैं, “चार्ल्स बैबेज” को “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है। हालाँकि शुरू में उन्हें गणित (Mathematics) पसंद था, ऐसे में उन्होंने गणित की बड़ी गणना (Calculations) को हल करने के लिए “कंप्यूटर” (Computer) मशीन बनाई थी।

चार्ल्स बेवेज की डिजिटल प्रोग्रामेबल कंप्यूटर (Digital Programmable Computer) की अवधारणा आधुनिक कंप्यूटरों का आधार बन गई, और इसी कारण चार्ल्स बेवेज को कंप्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है। चार्ल्स बैबेज ने 1837 में एक स्वचालित कंप्यूटर सिस्टम (Automated Computer System) बनाने की कल्पना की थी।

दुर्भाग्य से, यह कंप्यूटर कभी भी फंडिंग के मुद्दों (Funding Issues) के कारण नहीं बनाया गया था जबकि चार्ल्स बैबेज जीवित थे। आप इस लिंक पर क्लिक करके चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) के बारे में अधिक जान सकते हैं और आपको इसे अवश्य पढ़ना चाहिए।

कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार (Types of Computer in Hindi)

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कंप्यूटर के प्रकार मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित हैं।

  1. कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)
  2. उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
  3. आकार के आधार पर (Based on Size)

computer ke prakar

कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)

  • एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer): एनालॉग कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर सिस्टम होते हैं जो दबाव (Pressure), तापमान (Temperature), वोल्टेज (Voltage), गति (Speed) आदि जैसी मात्राओं को मापते हैं। एनालॉग कंप्यूटर भौतिक मात्राओं (Physical Quantities) को मापने के लिए जाने जाते हैं जो लगातार बदलते रहते हैं। एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरणों में वोल्टमीटर (Voltmeter) और अमीटर (Ammeter) शामिल हैं।
  • डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer): डिजिटल कंप्यूटर वैसे कंप्यूटर सिस्टम हैं जो कि एनालॉग कंप्यूटर के विपरीत बाइनरी नंबर सिस्टम (Binary Number System) का उपयोग करते हैं। दूसरे शब्दों में, डिजिटल कंप्यूटर में, सभी डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रोसेस किया जाता है। यह कंप्यूटर का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है। आज डिजिटल कंप्यूटर ने एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) की जगह ले ली है। डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण डेस्कटॉप (Desktop), पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer), वर्कस्टेशन (Workstation), टैबलेट (Tablet) आदि हैं।
  • हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer): हाइब्रिड कंप्यूटर, जैसा कि नाम से पता चलता है, एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) के साथ-साथ डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) का भी काम कर सकता है। हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की कार्यक्षमता होती है। हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गणना (Scientific Calculations) के लिए, बड़े उद्योगों (Large Industries) में और रक्षा प्रणालियों (Defense Systems) में किया जाता है।

उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)

  • सामान्य कंप्यूटर (General Purpose Computer): सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर का उपयोग करके दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जा सकता है: उदाहरण के लिए, लेखन और संपादन (Word Processing), इंटरनेट ब्राउज़िंग (Internet Browsing), मनोरंजन (Entertainment) और गेम खेलना (Playing Games) आदि। डेस्कटॉप (Desktop), नोटबुक (Notebook), स्मार्टफोन (Smartphone) और टैबलेट (Tablet) सभी सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
  • विशेष कंप्यूटर (Special Purpose Computer): विशेष उद्देश्य कंप्यूटर एक विशेष समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन किए होते हैं। इसलिए उन्हें विशेष कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इन कंप्यूटरों का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर सिस्टम के उदाहरणों में मौसम विज्ञान (Meteorology), ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (Traffic Control System), अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science), उपग्रह संचालन सिस्टम (Satellite Operating System), ऑटोमोटिव उद्योगों में (Automotive Industries), वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) आदि शामिल हैं।

आकार के आधार पर (Based on Size)

  • सुपर कंप्यूटर (Super Computer): सुपर कंप्यूटर दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर होता हैं जो सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बहुत तेजी से डेटा की प्रोसेसिंग करता हैं। सुपर कंप्यूटर बहुत महंगे (Expensive) होते हैं और विशेष अनुप्रयोगों (Special Applications) के लिए उपयोग किए जाते हैं। उनका उपयोग अत्यधिक महत्वपूर्ण डेटा और गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर हर एक सेकंड में दस ट्रिलियन गणना कर सकता हैं। चीन का “Tianhe-2” दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर है।
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer): मेनफ्रेम एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसका उपयोग बड़े संगठनों द्वारा मुख्य रूप से महत्वपूर्ण अनुप्रयोगों के लिए किया जाता है, जिन्हें उच्च डेटा प्रोसेसिंग की आवश्यकता होती है। यह आमतौर पर अपने बड़े आकार (Large size), भंडारण क्षमता (Storage capacity), तेज़ डाटा प्रोसेसिंग (Fast Data Processing) और उच्च विश्वसनीयता (High Reliability) और सुरक्षा (Security) के लिए जाना जाता है। एक मेनफ्रेम कंप्यूटर जिसे “Big Iron” के नाम से जाना जाता है जो मुख्य रूप से सरकारी और गैर सरकारी संगठनों द्वारा उपयोग किया जाता है।
  • माइक्रो कंप्यूटर (Microcomputer): माइक्रो कंप्यूटर एक कंप्यूटर होता है जो अपनी सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) के रूप में एक माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) का उपयोग करता है। माइक्रो कंप्यूटर एक छोटा, अपेक्षाकृत सस्ता और आकर्षक कंप्यूटर होता है, जिसे व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। माइक्रो कंप्यूटर, मेनफ्रेम (Mainframe) और मिनीकंप्यूटर (Minicomputer) की तुलना में आकार में छोटा होता है। विभिन्न माइक्रो कंप्यूटर व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, जैसे: आईबीएम पीसी (IBM PC), एप्पल iMac (Apple iMac) आदि।
  • मिनी कंप्यूटर (Mini Computer): मिनी कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जिसमें बड़े कंप्यूटर की अधिकांश विशेषताएं और क्षमताएं होती हैं लेकिन आकार में छोटा होता है। मिनी-कंप्यूटर का आकार माइक्रो कंप्यूटर और मेनफ्रेम कंप्यूटर के बीच होता है। मिनीकंप्यूटर को एक मिड-रेंज कंप्यूटर भी कहा जाता है। मिनी कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग (Scientific and Engineering), व्यापार-लेनदेन (Business Transactions), फ़ाइल हैंडलिंग (File Handling) और डेटाबेस प्रबंधन (Database Management) के लिए किया जाता है। मिनी कंप्यूटर मल्टी यूजर सिस्टम का उपयोग करता है, जिससे एक से अधिक उपयोगकर्ता एक साथ काम कर सकते हैं। मिनी कंप्यूटर के उदाहरण: HP 9000, RISC 6000, BULL HN-DPX2 और AS 400 आदि हैं।

कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture in Hindi)

जैसा कि हम जानते हैं, कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका उपयोग डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटरों को आकार के आधार पर, कार्यप्रणाली के आधार पर, उद्देश्य के आधार पर कई भागों में विभाजित किया जाता है, लेकिन कंप्यूटर की संरचना (Computer Architecture) में शुरुआत से अब तक कोई भी बदलाव नहीं हुआ है।

computer architecture in hindi

कंप्यूटर संरचना में विभिन्न उपकरणों जैसे कि इनपुट-आउटपुट डिवाइस (Input-Output Device), प्रोसेसिंग डिवाइस (Processing Device), मेमोरी (Memory) इत्यादि का संयोजन होता है। ये विभिन्न प्रणालियाँ इकाइयों (Systems Units) की मदद से कंप्यूटर सिस्टम को संचालित करना संभव होता हैं।

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संरचना के अनुसार, कंप्यूटर को चार भागों में विभाजित किया जाता है –

इनपुट यूनिट (Input Unit)

कोई भी निर्देश और डेटा केवल इनपुट डिवाइस के माध्यम से कंप्यूटर में दर्ज किया जा सकता है। कंप्यूटर उन उपलब्ध डेटा को प्रोसेस करता है ताकि एक निश्चित आउटपुट मिल सके। कंप्यूटर को इनपुट देने के लिए कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। जैसे कीबोर्ड (Keyboard), माउस (Mouse), जॉयस्टिक (Joystick), स्कैनर (Scanner) आदि।

सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)

CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क (Brain) कहा जाता है। यह एक कंप्यूटर प्रणाली (Computer System) का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट के रूप में दिए गये डेटा और सूचना को प्रोसेस करता है और एक निश्चित आउटपुट प्रदान करता है।

अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU)

अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट जो तार्किक (Logical) और अंकगणितीय (Arithmetical) कार्यों को प्रोसेस करती है। जैसे +, – *, / आदि।

कंट्रोल यूनिट (Control Unit)

कंट्रोल यूनिट जो पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है। यह डेटा/निर्देश का विश्लेषण करता है और इसे प्रोसेसिंग के लिए भेजता है, फिर आउटपुट को सही आउटपुट डिवाइस पर भेजता है। सरल शब्दों में कहें तो, कंट्रोल यूनिट का कार्य कंप्यूटर के इनपुट और आउटपुट डिवाइसों (Input and Output Devices) को नियंत्रण में रखना है।

मेमोरी यूनिट (Memory Unit)

मेमोरी यूनिट कंप्यूटर का वह हिस्सा है जो उपयोगकर्ता द्वारा दिए गए इनपुट डेटा को प्रोसेस करते समय डेटा को संग्रहीत (Stored) रखता है, जिसका उपयोग प्रोसेसिंग के बाद भी आउटपुट डाटा को स्थायी रूप से स्टोर (Permanently Store) करने के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर सिस्टम की सेंट्रल स्टोरेज यूनिट (Central Storage Unit) होती है। यह एक बड़ी तेज़ मेमोरी होती है। मेमोरी यूनिट कंप्यूटर सिस्टम का सबसे आवश्यक भाग होता है क्योंकि इसके बिना कंप्यूटर सरल कार्य भी नहीं कर सकता है।

आउटपुट यूनिट (Output Unit)

आउटपुट, इनपुट और प्रोसेसिंग के बाद की प्रक्रिया है, जहां कंप्यूटर आपके द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर इनपुट डेटा को प्रोसेस करता है और हमें आउटपुट प्रदान करता है। हम आउटपुट डिवाइस (Output Device) के माध्यम से आउटपुट डेटा प्राप्त करते हैं। आउटपुट डिवाइस के उदाहरण मॉनिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), स्पीकर (Speaker) आदि हैं।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या है? (Hardware and Software in Hindi)

  • हार्डवेयर (Hardware): हार्डवेयर कंप्यूटर का मुख्य भाग (Main Part) होता है। इसे कंप्यूटर का भौतिक भाग (Physical Part) भी कहा जाता है। कोई भी कंप्यूटर भाग जिसे आप देख सकते हैं या स्पर्श कर सकते हैं, जैसे कि मॉनिटर (Monitor), कीबोर्ड (Keyboard), माउस (Mouse), प्रिंटर (Printer) आदि कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware) होता है और इसमें कंप्यूटर के अंदर के सभी भाग जैसे हार्ड डिस्क (Hard Disk), मदरबोर्ड (Motherboard), प्रोसेसर (Processor), रैम (RAM), ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव (Optical Disc Drive), पॉवर सप्लाई (Power Supply) और कई अन्य शामिल हैं।

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  • सॉफ्टवेयर (Software): सॉफ्टवेयर डेटा (Data) या कंप्यूटर निर्देशों (Computer instructions) का एक संग्रह (Collection) होता है जिसका उपयोग कंप्यूटर संचालित करने और विशिष्ट कार्यों को निष्पादित करने के लिए किया जाता है। संक्षेप में, सॉफ्टवेयर (Software) को कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) के लिए ड्राइवर (Driver) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के निर्देशानुसार कंप्यूटर और उसके हार्डवेयर (Hardware) को कार्य करने में सक्षम बनाता है। यह कंप्यूटर को बताता है कि किसी कार्य को कैसे करना है। सॉफ्टवेयर के बिना, कंप्यूटर बेकार है।

ये भी पढ़ें:- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग क्या है, कैसे सीखें? (What is Computer Programming in Hindi)

कंप्यूटर के भाग (Parts of Computer in Hindi)

  • सीपीयू (CPU): CPU (Central Processing Unit) एक कंप्यूटर सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जो कंप्यूटर सिस्टम में डेटा या इनफार्मेशन को प्रोसेस करता है जो उपयोगकर्ता द्वारा इनपुट के रूप में दिया जाता है और एक निश्चित आउटपुट प्रदान करता है।
  • मॉनिटर (Monitor): मॉनिटर एक विजुअल आउटपुट डिवाइस होता है जिस पर आउटपुट को देखा जाता है। मॉनिटर में आमतौर पर स्क्रीन (Screen), सर्किट (Circuit), केस (Case) और पॉवर सप्लाई (Power Supply) शामिल होता है। पुराने कंप्यूटर के मॉनिटर में कैथोड रे ट्यूब (CRT) का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे वे आकार में बड़े और भारी होते थे। आजकल, फ्लैट स्क्रीन एलसीडी (LCD) और एलईडी (LED) मॉनिटर का उपयोग लैपटॉप (Laptop) और डेस्कटॉप (Desktop) में किया जाता है, जो उन्हें हल्का और अधिक ऊर्जा कुशल (Energy Efficient) बनाता है।
  • कीबोर्ड (Keyboard): कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस (Input Device) है जो उपयोगकर्ता (User) को कंप्यूटर में टेक्स्ट (Text) इनपुट करने में सक्षम बनाता है। कीबोर्ड में कई “कीज़ (keys)” होती हैं जैसे कि अल्फाबेटिकल कीज़ (Alphabetical Keys), न्यूमेरिक कीज़ (Numeric keys), फंक्शनल कीज़ (Functional Keys), स्पेशल कीज़ (Special Keys), एरो कीज़ (Arrow Keys) और मल्टीमीडिया कीज़ (Multimedia Keys) आदि। कंप्यूटर को इनपुट देने के लिए कीबोर्ड (Keyboard) को सबसे अच्छा इनपुट डिवाइस (Input Device) माना जाता है।
  • माउस (Mouse): माउस एक हैंडहेल्ड इनपुट डिवाइस (Handheld Input Device) है जो कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी इनपुट बतौर प्वाइंट (Point) करके देता है और आपके कंप्यूटर पर टेक्स्ट (Text), आइकन्स (Icons), फाइल्स (Files) और फोल्डर (Folder) को मूव (Move) और सेलेक्ट (Select) कर सकता है। माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस (Pointing Device) है जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर सिस्टम में सामान्य निर्देश देने के लिए किया जाता है। माउस के दो प्रकार होते हैं पहला मैकेनिकल माउस (Mechanical Mouse) और दूसरा ऑप्टिकल माउस (Optical Mouse)। आजकल, ऑप्टिकल माउस का उपयोग ज्यादातर कंप्यूटर उपयोगकर्ता करते हैं। इसमें दो बटन होते हैं, बाएँ (Left) और दाएँ (Right) बटन और तीसरा बटन जो एक स्क्रॉल (Scroll) बटन होता है, ऑप्टिकल माउस में पाया जाता है।
  • प्रिंटर (Printer): प्रिंटर एक आउटपुट डिवाइस (Output Device) है जो कंप्यूटर से डेटा लेता है और इसकी हार्ड कॉपी  तैयार करता है। सरल शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि प्रिंटर सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) को हार्ड कॉपी (Hard Copy) के रूप में प्रिंट करता है। प्रिंटर सबसे लोकप्रिय आउटपुट डिवाइसों में से एक है और आमतौर पर इसका उपयोग टेक्स्ट (Text) और फोटो (Photo) को प्रिंट (Print) करने के लिए किया जाता है। प्रिटिंग क्वालिटी को डॉट पर इन्च (DPI) में मापा जाता है।

कंप्यूटर के विकास का इतिहास (History of Computer Evolution in Hindi)

हमने कंप्यूटर के इतिहास को सरल भाषा में समझाने के लिए इसे संक्षेप में बताया हैं। आधुनिक कंप्यूटर मुश्किल से 50 वर्षों से अस्तित्व में हैं, लेकिन उनका विकास का इतिहास बहुत पुराना है। कंप्यूटर हमारे जीवन के हर पहलू को किसी न किसी तरह से प्रभावित करता है। पिछले चार दशकों में, कंप्यूटर ने हमारे समाज में रहने और काम करने के तरीके को बदल दिया है।

कंप्यूटर के विकास का इतिहास (History of Computer Evolution in Hindi)

कंप्यूटर के आविष्कार से पहले गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण यांत्रिक उपकरण (Mechanical Device) होते थे। अबेकस (Abacus) को पहला कंप्यूटर कहा जाता है। बाद में, नेपियर्स बोन्स (Napier’s Bones), पास्‍कलाइन (Pascaline), जैक्वार्ड लूम (Jacquard’s Loom) आदि जैसे कई उपकरण बनाए गए, लेकिन किसी भी डिवाइस में मेमोरी (Memory) नहीं थी, फिर सत्रहवीं शताब्दी में, चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने डिफरेंस इंजन (Difference Engine) और एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) का आविष्कार किया , जिसमें मेमोरी (Memory) भी शामिल थी।

ये भी पढ़ें:- सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? (How to Become a Software Engineer)

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया (Who Invented Computer in Hindi)

चार्ल्स बैवेज द्वारा एनालिटिकल (Analytical) और डिफरेंस (Difference) मशीनों का आविष्कार ने ही आधुनिक कंप्यूटर युग की शुरुआत की थी, बाद में मेमोरी आज की सभी कंप्यूटरों की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। इसी कारण से चार्ल्स बैबेज” को कंप्यूटर का पिता कहा जाता है। ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर (Electronic Computer) था। इसने इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के युग की शुरुआत किया था। इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर पांच पीढ़ियों में विभाजित होते हैं, कम्प्यूटर की विभिन्न पीढ़ियाँ का उल्लेख नीचे किया गया है।

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कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियां (Generation of Computer in Hindi)

  1. पहली पीढ़ी (1940 – 1956): कंप्यूटर की इस पहली पीढ़ी में, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो गणनाओं को करने के लिए कंप्यूटर को संभव बनाता था।
  2. दूसरी पीढ़ी (1956 – 1963): कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर (Transistor) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसने तब कंप्यूटर का आकार को थोड़ा छोटा और परफॉरमेंस को तेज कर दिया था।
  3. तीसरी पीढ़ी (1964 – 1971): कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह पिछली पीढ़ियों के कंप्यूटरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और तेज हो गया था।
  4. चौथी पीढ़ी (1972 – 2010): चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो पहले, दूसरे और तीसरे पीढ़ी की तुलना में बहुत तेज, विश्वसनीय और आकार में छोटा था। जिसे आप आसानी से उठाकर कहीं भी रख सकते हैं।
  5. पांचवीं पीढ़ी (2010 से अब तक): पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग किया गया है, जो इसे कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में सर्वोपरि बनता है, इन कंप्यूटरों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जिसके उपयोग करके यह स्वयं समस्या का समाधान कर सकते हैं।

कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer in Hindi)

कम्प्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात यह उस डाटा को दिये गये निर्देशों के आधार पर प्रोसेस कर परिणाम (Result) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है। इसके द्वारा बहुत कम समय में तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है।

कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –

  • स्वचालित (Automatic): कंप्यूटर एक स्वचालित (Automatic) उपकरण है अर्थात् यह एक बार उपयोगकर्ता (User) से सारा डाटा इनपुट (Input) के रूप में लेकर उसकी प्रोसेसिंग (Processing) करता है तथा परिणामों को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।
  • गति (Speed): कंप्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात, यह दिए गए निर्देशों के अनुसार एक सेकंड में लाखों बार गणनाएं कर सकता है। इसकी काम करने की गति बहुत तेज होती है। कंप्यूटर एक बहुत तेजी से काम करने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी कार्य को सेकंड के एक हिस्से में हल कर सकता है, जबकि एक व्यक्ति उस कार्य को घंटों में हल करने में सक्षम होगा। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कंप्यूटर एक सेकंड में एक मिलियन या उससे अधिक निर्देशों को निष्पादित कर सकता है। इसकी गति हर्ट्ज (Hz) में मापी जाती है।
  • त्रुटिहीनता (Accuracy): कंप्यूटर एक आधुनिक मशीन है। यदि उपयोगकर्ता निर्देश देते समय कोई गलती नहीं करता है, तो कंप्यूटर निर्देशों के अनुसार इनपुट डेटा को प्रोसेस करता है और हमें अपेक्षित परिणाम देता है जो काफी तेज और त्रुटिरहित होता है। कंप्यूटर बिना किसी गलती के सटीक गणना कर सकता है। इसकी सटीकता बहुत अधिक है ताकि यह कभी गलती न करे और सभी गणनाओं में समान सटीकता के साथ कार्य करे। कंप्यूटर तभी गलती करता है जब व्यक्ति ने गलत इनपुट या निर्देश दिया हों।
  • ऑटोमेशन (Automation): कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है, एक बार कंप्यूटर को निर्देश दिए जाने के बाद, यह बिना किसी मानव निगरानी के अपना काम कर सकता है। हालाँकि कंप्यूटर मनुष्यों द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर काम करता हैं, एक बार निर्देश प्राप्त करने के बाद यह बिना रुके अपना काम कर सकता है और इसमें त्रुटियों की संभावना बहुत कम होती है।
  • भंडारण क्षमता (Storage Capacity): कंप्यूटर अपनी मेमोरी में किसी भी प्रकार का डेटा या इनफार्मेशन को स्टोर कर सकता है। कंप्यूटर में डाटा संग्रहण करने के लिए बाहरी तथा आंतरिक भाग होते है जैसे की हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम, आदि। कंप्यूटर में चुंबकीय मीडिया भंडारण (Magnetic Media Storage) होता है जो बड़ी मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से सुरक्षित रखने की सुविधा देता है, जैसे कि हार्ड डिस्क (Hard Disk), फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk), ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) आदि। जिसके साथ आप किसी भी डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
  • सार्वभौमिकता (Versatility): कंप्यूटर की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह एक ही समय में कई कार्य कर सकता है, जैसे कि संगीत सुनते दौरान इंटरनेट (Internet) चलाना या किसी फ़ाइल को डाउनलोड (Download) करना आदि, यह उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है कि वह कंप्यूटर सिस्टम (Computer System) का उपयोग कैसे करता है।
  • सक्षमता (Diligence): कंप्यूटर बिना थके लगातार कोई भी कार्य कर सकता है। इसे किसी भी प्रकार की थकान या कमजोरी नहीं होती है और मशीन होने के कारण इसपर मौसम का कोई प्रभाव भी नहीं पड़ता है। ताकि यह बिना किसी रुकावट या गलती के किसी भी कार्य को लाखों-करोड़ों बार कर सकता है। कंप्यूटर की इस क्षमता के कारण, मानव प्रगति का बहुत विकास हुआ है।
  • गोपनीयता (Secrecy): कंप्यूटर में डाटा की सुरक्षा के लिए पासवर्ड विकल्प होता है, जिसके उपयोग से कंप्यूटर के डेटा को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड का उपयोग करके कंप्यूटर में रखा गया डेटा को सुरक्षित (Secure) रखा जाता है और केवल वह व्यक्ति जिसके पास पासवर्ड होता है, डेटा को एक्सेस (Access) कर सकता है।

कंप्यूटर का उपयोग (Application of Computer in Hindi)

  • शिक्षा (Education): कंप्यूटर ने पूरी दुनिया की शिक्षा प्रणालियों (Education Systems) को पूरी तरह से अलग स्तर पर ले गया हैं। पारंपरिक क्लासरूम (Traditional Classroom) कंप्यूटर के आगमन के साथ आधुनिक बन गए हैं। मल्टीमीडिया (Multimedia) और कंप्यूटर आधारित शिक्षा की मदद से अब छात्रों को पाठ्यक्रम को समझना आसान हो गया है। डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library) ने छात्रों को एक क्लिक में सभी किताबें उपलब्ध कराने में मदद की है। उन्हें नीरस ब्लैकबोर्ड शिक्षण की तुलना में डिजिटल शिक्षण (Digital Learning) का अनुभव बेहतर लगता है। इस तरह, छात्रों की याद रखने की शक्ति बढ़ जाती है क्योंकि कक्षा शिक्षण दिलचस्प हो जाता है। कंप्यूटर न केवल पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करता हैं बल्कि शैक्षिक पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करने का एक नया तरीका भी प्रदान करता हैं। आज, जहाँ स्कूल और कॉलेजों की सुविधा उपलब्द नही है वहाँ ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) के माध्यम से, छात्रों को उनकी सुविधा के अनुसार घर पर ही शिक्षा मिल रही है, साथ ही कंप्यूटर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके शोध कार्य में भी मदद करता हैं। कंप्यूटर की मदद से छात्र अब आसानी से अपने शोध कार्य (Research Work) को आगे बढ़ाते हैं और आसान क्लिकों में पर्याप्त जानकारी प्राप्त करते हैं।
  • वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): विज्ञान के कई जटिल रहस्यों को सुलझाने के लिए कंप्यूटर की मदद ली जा रही है। यह बड़ी तीव्रता के साथ गणना करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। कंप्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन करना भी संभव है, इसलिए वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) में भी कंप्यूटर का विशेष उपयोग किया जा रहा है।
  • बैंक (Bank): बैंकिंग में, कंप्यूटर के उपयोग ने क्रांति ला दी है। इसका उपयोग ग्राहकों के लेनदेन की रिपोर्ट बनाने, एटीएम (Automated Teller Machine), ऑनलाइन बैंकिंग, चेकों का भुगतान, इ.सी.एस. (Electronic Clearing Service), पैसों की गिनती, पासबुक अपडेट करने आदि में उपयोग किया जा रहा है।
  • अस्पताल (Hospital): अस्पतालों में कंप्यूटर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, हम विभिन्न दवाओं, उनके वितरण और स्टॉक आदि का रिकॉर्ड रख सकते हैं। कंप्यूटर का उपयोग शरीर के अंदर की बीमारियों का पता लगाने और विश्लेषण और निदान करने में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जैसे डिजिटल एक्स-रे (Digital X-Ray), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT Scan), ईसीजी (ECG) मशीनें आदि। कंप्यूटरों का उपयोग करके रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड संग्रहीत किए जाते हैं। हम कंप्यूटर पर रोगियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को संग्रहीत कर सकते हैं ताकि हम उनके पिछले उपचार, सुझाए गए दवाओं और उनके परिणामों का रिकॉर्ड रख सकें। ऐसे सिस्टम डॉक्टरों के लिए बहुत प्रभावी और सहायक हो सकते हैं। कुछ गंभीर रोगियों को निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है, वहाँ भी रोगियों के रक्तचाप, दिल की धड़कन और मस्तिष्क की निगरानी के लिए कम्प्यूटरीकृत उपकरणों (Computerized Devices) का उपयोग किया जाता है। आज, कंप्यूटर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत आसान है जहां रोगी के लक्षणों को दर्ज करके रोग का निदान प्राप्त किया जा सकता है। विभिन्न कम्प्यूटरीकृत उपकरणों का उपयोग प्रयोगशालाओं में रक्त, मूत्र, बलगम, मल आदि के विभिन्न परीक्षणों के लिए किया जाता है।
  • रक्षा (Defence): रक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर के कई उपयोग हैं जैसे रक्षा अनुसंधान (Defense Research), वायुयान नियंत्रण प्रणाली (Aircraft Control System), रक्षा संचार प्रणाली (Defence Communication System), मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम (Missile Tracking System), रडार सिस्टम (Radar System) आदि में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। कंप्यूटर का उपयोग आने वाली मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है और उन्हें नष्ट करने के लिए हथियार सिस्टम को सक्रिय करने में उपयोग किया जाता है। कंप्यूटरों का उपयोग टैंक, विमानों और जहाजों में दुश्मन बलों पर निशाना लगाने के लिए किया जाता है, कंप्यूटर का उपयोग सरकारी अधिकारियों को गुप्त जानकारी (Secret Information) भेजने के लिए किया जाता है।
  • संचार (Communication): कंप्यूटर के उपयोग के बिना आधुनिक संचार संभव नहीं है। टेलीफोन (Telephone) और इंटरनेट (Internet) ने संचार क्रांति को जन्म दिया है। संचार के लिए कंप्यूटर बहुत महत्वपूर्ण होता हैं, कुछ संचार में केबल (Cable) और तार (Wire) शामिल होते हैं; दूसरों को वायरलेस (Wireless) तरीके से हवा के माध्यम से भेजा जाता है। संचार प्रणालियों (Communication Systems) में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर और कम्प्यूटरीकृत उपकरण का उपयोग किया जाता है।
  • उद्योग व व्यापार (Industry & Business): उद्योगों में कंप्यूटर का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता (Better Quality) वाले वस्तुओं का उत्पादन (Production) संभव हो पाया है। व्यवसाय में कंप्यूटर का उपयोग कार्यों का रिकॉर्ड बनाए रखने और खर्चों, मुनाफे और नुकसान की गणना करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
  • मनोरंजन (Entertainment): आज के डिजिटल युग में लगभग हर क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। आजकल यह मनोरंजन के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और लोकप्रिय उपकरण है। सिनेमा (Cinema), टेलीविजन (Television), संगीत (Music), वीडियो गेम (Video Game) आदि में कंप्यूटर का उपयोग करके प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के उपयोग ने कंप्यूटर को मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन बना दिया है। आज, कंप्यूटर का उपयोग वीडियो देखने और संगीत डाउनलोड करने, वीडियो गेम खेलने आदि के लिए किया जाता है।
  • प्रकाशन (Publication): कंप्यूटर का उपयोग प्रकाशन और मुद्रण (Publishing and Printing) उद्योग में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर का उपयोग इसे सुविधाजनक और आकर्षक बनाता है। कंप्यूटर का उपयोग पेज लेआउट (Page Layout) बनाने के साथ-साथ प्रिंट करने के लिए भी किया जाता है, रेखाचित्रों (Diagrams) और ग्राफ (Graph) को बनाना अब सुविधाजनक हो गया है। कंप्यूटर ने पुस्तकों (Books) और पत्रिकाओं (Magazines) के निर्माण और पढ़ने के तरीके को बदल दिया है। आज पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए हार्ड-कॉपी किताबों के साथ-साथ ई-पुस्तकें (eBooks) भी प्रकाशित की जाती हैं।
  • प्रशासन (Administration): सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सरकारी कर्मचारियों को कई तरह की रिपोर्ट तैयार करनी होती है। सरकार के विभिन्न विभागों के सभी प्रशासनिक कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं। आज, डिजिटल इंडिया (Digital India) के माध्यम से, प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों को डिजिटल रूप देकर इसकी गति बढ़ा दी है।

कंप्यूटर के कार्य (Function of Computer in Hindi)

  1. डेटा संकलन (Data Collection)
  2. डेटा संसाधन (Data Processing)
  3. डेटा संचयन (Data Storage)
  4. डेटा निर्गमन (Data Output)

कंप्यूटर का महत्व (Importance of Computer in Hindi)

अस्पतालों (Hospitals), दूरसंचार (Telecommunications), रक्षा सम्बंधित कार्यो (Defence Related Works), उद्द्योग एवं व्यापार (Industry and Trade), कार्यालयों (Offices), परिवहन (Transport), मॉल (Malls) और घरों (Homes) आदि में कंप्यूटर हर जगह मौजूद हैं। सूचनाओं (Information) तथा डाटा (Data) को एकत्रित (Collect) करने तथा गणना करके संगठित (Organize) रखने और हमें सूचित (Inform) करने में सहायता करते हैं। आज का युग कंप्यूटर का युग है। बिना कंप्यूटर के जीवन अधूरा सा है। हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल हो रहा है फिर चाहे वो  बैंक (Bank), स्कूल (School), रेलवे (Railway), हॉस्पिटल (Hospital), या फिर युद्ध का मैदान (Battlefield) हो, हर जगह कंप्यूटर की जरुरत है।


इन्हें भी देखें –


निष्कर्ष (Conclusion)

इस पोस्ट में आपने सीखा कि “कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? (Definition of Computer in Hindi)” मुझे उम्मीद है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद, आप कंप्यूटर की सभी बुनियादी जानकारी से परिचित हो गए हैं और अब अगर कोई आपसे कंप्यूटर से संबंधित कोई प्रश्न पूछता है, तो आप उनका जवाब दे सकते हैं। आपको यह पोस्ट कैसा लगा? मुझे कमेंट्स के माध्यम से जरुर बताएं और यदि आप कंप्यूटर से संबंधित कोई और प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट करें। इस पोस्ट में, हमने कंप्यूटर की पूरी जानकारी हिंदी में दी है जो हर प्रतियोगी परीक्षा (Competitive Exam) की तैयारी करने वाले छात्रों को पता होना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको “कंप्यूटर क्या है? (What is Computer in Hindi)” पर आज की पोस्ट बहुत पसंद आया होगा। अगर वास्तव में लेख पसंद आया तो, इस पोस्ट को शेयर करें। ताकि आपके साथ के अन्य लोग भी कंप्यूटर जागरूकता (Computer Awareness) के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और हर कोई इससे लाभान्वित हो सके।

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Shivam Pandey is a Software Engineer and a Professional Blogger. He is "CCNA", "MCSE" & "RHCE" certified and is currently working as a Full Stack Java Developer at Tata Consultancy Services Limited (TCS).

81 thoughts on “कंप्यूटर की परिभाषा क्या है? – Computer Definition in Hindi”

  1. आपके द्वारा दी गई जानकारी बेहतरीन है।

    Reply
  2. बहुत बहुत धन्यवाद सर, आपसे एक और जानकारी चाहते हैं, कैश मेमोरी (Cache Memory) किसे कहते है?

    Reply
  3. शिवम सर, आपने बहुत आसान भाषा में समझाया है, आपका तहे दिल से धन्यवाद।

    Reply
  4. मुझे आपका लेख बहुत पसंद आया है, यह हिंदी भाषा की सबसे अच्छी कंप्यूटर पोस्ट है, धन्यवाद।

    Reply
  5. मैं एक शिक्षक हूं और मैं अपने छात्रों को आपके कंप्यूटर नोट्स से पढ़ता हूं, इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  6. मुझे बहुत खुश हूँ कि मुझे जो जानकारी चाहिए थी वो आपके ब्लॉग पर मिल गयी, ऐसे ही कमाल के ब्लॉग पोस्ट लिखते रहे। आपका धन्यवाद।

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  7. Thank you sir aapke articles se bahut kuch sikhne ko milta hai jiske karan mai dusro ko computer padha rhi hu.

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  8. Thank you for writing such a good article. The information given by you is absolutely correct and accurate.

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  9. मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि लोग अपनी भाषा हिंदी पर ध्यान दे रहे हैं, हमारा देश बहुत आगे जाएगा। इसी तरह से हिंदी को सपोर्ट करना जारी रखें।

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  10. सच में, मैं आपके पोस्ट को पढ़ने के बाद बहुत प्रभावित हुआ हूँ, मुझे कंप्यूटर का इतिहास बहुत कठिन लगता था। लेकिन आपने बहुत आसान तरीके से समझाया है, धन्यवाद।

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  11. कंप्यूटर के बारे मे हिन्दी मे आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी है Shivam Pandey जी!

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  12. शिवम जी, आपने कंप्यूटर के बारे में बहुत ही सुंदर जानकारी प्रदान की है, हर छोटी-बड़ी चीजों को विस्तार से समझाया है। इस तरह पोस्ट करते रहिए, धन्यवाद।

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  13. bahut hi shandar post likha hai aapne, aise post se hamari knowledge badhti hai, aise hi post share karte rhiye sir.

    Reply
  14. आपने बहुत ही अच्छा आर्टिकल लिखा है, सर। खासकर जो आपने कंप्यूटर का फुल फॉर्म बताया है, मुझे नहीं पता था। और आपने जो कंप्यूटर की विशेषताएँ लिखी है वह भी बहुत अच्छी है।

    Reply
  15. धन्यवाद सर, आपकी वेबसाइट पर सभी प्रकार के कंप्यूटर साइंस की जानकारी मिलती है।

    Reply
  16. आपकी पोस्ट पढ़कर बहुत खुशी हुई, आप हमेशा इस तरह लिखते रहे।

    Reply
  17. बहुत अच्छा आर्टिकल है, पढ़ कर दिल खुश हो गया।

    Reply
  18. कंप्यूटर की बेसिक जानकारी को बहुत अच्छी तरह से समझाया गया है, धन्यवाद।

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