डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है? (जानिये हिंदी में)

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का परिचय (Introduction to DBMS)

आज हम सीखेंगे की डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है? (What is DBMS in Hindi?), (DBMS क्या है?), DBMS का पूरा नाम और इसके अनुप्रयोग क्या है? डेटाबेस एक संगठित तरीके से डाटा का संग्रह होता है ताकि इसे आसानी से एक्सेस, मैनेज और अपडेट किया जा सके। जोड़ना, अपडेट करना और डाटा को डिलीट करना जैसे कुछ अन्य ऑपरेशन भी किए जा सकते हैं। अधिकांश डेटाबेस में कई टेबल्स होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में कई अलग-अलग फ़ील्ड शामिल हो सकते हैं, डेटाबेस एक टेक्स्ट फ़ाइल जिसमे कुछ डेटा मौजूद हो के रूप में सरल हो सकता है अथवा यह कुछ डेटा सहित कई टेक्स्ट फ़ाइलों का एक बड़ा समूह के रूप में जटिल भी हो सकता है।

डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम क्या है (What is DBMS in Hindi)

डेटाबेस को परिभाषित करने के लिए, दो शब्द, जो अक्सर डेटाबेस से उपयोग किए जाते हैं, को जानना अवश्य चाहिए।

  • डेटा (Data): डेटा को तथ्यों या आंकड़ों के रूप में परिभाषित किया जाता है, या ऐसी जानकारी जो एक कंप्यूटर में संग्रहीत या उपयोग की जाती है, जैसे टेक्स्ट, संख्याएं, चित्रमय छवि या ध्वनि का डिजिटल प्रतिनिधित्व के रूप में इनका उपयोग किया जाता है। डाटा मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
  1. संख्यात्मक डाटा (Numeric Data)
  2. चिन्हात्मक डाटा (Alpha Numeric Data)
  • डेटाबेस (Database): डाटाबेस एक डेटा का संगठित संग्रह है जिसे व्यवस्थित किया जाता है ताकि इसे आसानी से एक्सेस, प्रबंधित और अद्यतन किया जा सके। इसमें SQL Server, Oracle Database, Sybase, Informix और MySQL जैसे डेटाबेस शामिल हैं।
  • मैनेजमेंट (Management): यहा मैनेजमेंट का सीधा सा मतलब है डाटा को मैनेज करना।
  • डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System): डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) डेटाबेस बनाने और प्रबंधित करने के लिए सॉफ्टवेयर है। डीबीएमएस उपयोगकर्ताओं को और प्रोग्रामर को डेटा बनाने, पुनः प्राप्त करने, अपडेट करने और प्रबंधित करने का एक व्यवस्थित तरीका प्रदान करता है।

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डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के प्रकार (Types of Database Management Systems)

डाटाबेस तीन प्रकार के होते हैं, अर्थात् निम्नलिखित-

  1. नेटवर्क डेटाबेस (Network Database): इस प्रकार के डाटाबेस में डेटा को रिकॉर्ड के रूप में दर्शाया जाता है और डेटा के बीच सम्बन्ध लिंक के रूप में दर्शाया जाता है।network database model
  2. हैरारिकल डेटाबेस (Hierarchical Database): इस तरह के डाटाबेस में, डेटा नोड्स के साथ ट्री स्ट्रक्चर (पैरेंट/चाइल्‍ड) के रूप में व्यवस्थित किया जाता है। नोड्स लिंक के माध्यम से जुड़े हुए हैं।hierarchical database model
  3. रिलेशनल डेटाबेस (Relational Database): इस डेटाबेस को स्ट्रक्चरल डेटाबेस के रूप में भी जाना जाता है जिसमें डेटा टेबल्स के रूप में संग्रहीत होता है। जहां स्तम्भ (Columns) और पंक्तियाँ (Rows) में संग्रहीत किया जाता हैं।relational database model

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के मुख्य घटक (Main Components of Database Management System)

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  • सारणी (Tables): यह रिलेशनल डेटाबेस मॉडल के संबंध में हैं, जहां सभी डेटा को टेबल्स के रूप में संग्रहीत किया गया है। विभिन्न प्रकार के संचालन टेबल्स पर किया जाता है जैसे डेटा संग्रह, फ़िल्टर करना, पुनः प्राप्त करना और संपादन करना। टेबल्स रिकॉर्ड (Rows) और फील्ड (Column) के कटाव से बने सेल (Cell) से मिलकर बनते हैं। यही सेल टेबल्स में डेटा को संग्रहीत करने के लिए उपयोग की जाती है।
  • फील्ड (Field): टेबल्स के प्रत्येक कॉलम को फील्ड कहते हैं। यह डेटा के विशिष्ट भाग के लिए आरक्षित एक क्षेत्र होता है। जैसे ग्राहक संख्या, ग्राहक का नाम, सड़क का पता, शहर, राज्य, फोन नंबर, वर्तमान पता आदि।
  • रिकार्ड (Record): टेबल्स के रिकार्ड को पंक्ति (Row) या ट्यूपल (Tuple) के रूप में भी जाना जाता है और दूसरे शब्दों में रिकार्ड एक एन्ट्री जैसे कि एक व्यक्ति, कंपनी, संक्रमण, आदि से संबंधित सभी क्षेत्रों की डेटा वस्तुओं का संग्रह है।
  • क्वेरीज (Queries): किसी टेबल्स या डाटाबेस से जरुरत के अनुसार डेटा निकालने की अनुमति दिया जाता है, उसे क्वैरी कहते है। किसी क्वैरी के उत्तर में जो रिकार्ड डाटाबेस से निकाला जाता है, उसे उस क्वैरी का डायनासेट (Dyna Set) कहते हैं। जैसे की, आप अगर अपने दिल्ली शहर में रहने वाले दोस्तों की सूची निकालना चाहते है तो इसे एक क्वैरी कहेंगे। एक क्वेरी आपके आवश्यकतानुसार डेटा को निकालने के लिए आवश्यक फ़ील्ड, रिकॉर्ड और टेबल्स आदि को दर्शता है।
  • फॉर्म्स (Forms): यद्यपि आप टेबल्स में डेटा दर्ज और संशोधित कर सकते हैं, लेकिन टेबल्स में डेटा का भंडारण करना तथा संशोधन करना आसान नहीं होता है। इस समस्या को दूर करने के लिए, फॉर्म्स प्रस्तुत किए जाते हैं। टेबल्स की तरह, फ़ॉर्म आपके डेटा को देखने, डेटा दर्ज और संपादित करने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। आम तौर पर लोग टेबल्स के बजाय एक अच्छी तरह से तैयार किए गए फ़ॉर्म में डेटा दर्ज करना पसंद करते हैं।
  • रिपोर्ट्स (Reports): आसान शब्दों में, जब आप डेटाबेस से लाए गये रिकॉर्ड को कागज पर प्रिन्ट करना चाहते हैं, तो उसे रिपोर्ट कहते है।
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के मुख्य कार्य (The Main Functions of Database Management System)
  • डाटाबेस का प्रबंधन करना (Managing Database): डेटाबेस को मैनेज करना है ताकि इसे आसानी से एक्सेस, मैनेज और अपडेट किया जा सके।
  • डाटा को अपडेट करना (Updating the Data): डेटाबेस को आवश्यकतानुसार अपडेट करना।
  • डाटा मॉडलिंग (Data Modeling): डेटा संग्रहण की स्ट्रक्चर्ड डेफिनेशन को डाटा मॉडलिंग के रूप में जाना जाता है।
  • प्रोसेसिंग क्वेरी (Processing Query): यह डेटा के Manipulating करने का एक तंत्र है।
  • डाटा की सुरक्षा (Security of Data): डेटाबेस की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है।
  • संगामिति नियंत्रण (Concurrency Control): कई उपयोगकर्ताओं द्वारा डेटाबेस को एक साथ एक्सेस करने का तंत्र संगामिति नियंत्रण कहलाता है।
  • क्रैश रिकवरी (Crash Recovery) : सिस्टम क्रैश होने के बाद डेटा रिकवरी।

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डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के फायदे (Advantages of Database Management System)
  • डेटा रिडंडंसी में कमी (Reduction in Data Redundancy)
  • उपयोगकर्ताओं के साथ बेहतर इंटरैक्शन (Better Interaction with Users)
  • डेटा की सुरक्षा में सुधार (Improvement in Data Security)
  • डेटा इंटिग्रिटी का रखरखाव (Maintenance of Data Integrity)
  • बेहतर डेटा शेयरिंग (Better Data Sharing)
  • बैकअप और रिकवरी (Backup and Recovery)

डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का नुकसान (Disadvantage of Database Management System)

  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की लागत (Cost of Hardware and Software)
  • मैनेजमेंट की जटिलता (Management Complexity)
  • स्टाफ प्रशिक्षण की लागत (Cost of Staff Training)
  • तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति (Appointing Technical Staff)
  • डेटाबेस की विफलता (Database Failure)

इन्हें भी देखें –

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Shivam Pandey is a Software Engineer and a Professional Blogger. He is "CCNA", "MCSE" & "RHCE" certified and is currently working as a Full Stack Java Developer at Tata Consultancy Services Limited (TCS).

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